Types of Non Verbal Communication


हेल्लो दोस्तों!! मे आज हम Non Verbal यानि बिन मौखिक बातचीत या संकेतो के प्रकारों को जानेंगे

Non Verbal Communication के प्रकार

1.Kinesics ( Body Language):


i) Facial Expression:



चेहरा मन के हावभाव बता देता है  और इससे दुसरे व्यक्ति कि प्रतिक्रिया को जान सकते है  चेहरे के भाव से हम दिखा सकते हैं या हम खुशी, उदासी, क्रोध और भय और बहुत कुछ समझ सकते हैं।


ii)Head:

अगर कोई व्यक्ति अपने सिर को ऊपर और नीचे ले जाता है तो इसका अर्थ है कि वह आपके साथ सहमत है या हा कह रहा है। और इसका यह अर्थ भी है कि वो आपकि बात को समझ रहा है। अगर वो अपने सिर को लेफ्ट या राइट को ले जा रहा है इसका अर्थ यहा है कि वो आपकी बात से सहमत नहीं है या ना कह रहा है।अगर कोई व्यक्ति अपने सिर को नीचे कि तरफ करता है और अपने पैर या जमीन कि और देखता है तो इसका अर्थ रिस्पेक्ट या शर्म है।




iii)Eye Gaze:



आपकि आँखे बहुत कुछ बता देती है अगर आपकी बात करते वक़्त निचे या इधर उधर देख रही है इसका मतलब सामने वाले कि बात को लेकर आप सीरियस नहीं है या फिर आपको कम्फ़र्टेबल नहीं लग रहा है।

iv) Gastures & Postures:




   

इशारे और आपके उठने बेठने के स्टाइल से पता चलता है कि आप किस प्रकार के व्यक्ति है और आप क्या कहना चाहते है आपने क्रिकेट और बोहत से खेलो मे इशारो से पता चल जाता है कि खिलाड़ी आउट है या फिर उसको बहार निकला जा रहा है जैसे कि अपने होठ पर अपनी फर्स्ट ऊँगली रखने का मतलब है सामने वाले इंसान को चुप रहने को बोल रहे हो ।






2.Haptics ( Touch Language):



अलग अलग तरीके से टच करने के अलग अलग मतलब निकलते है और इससे हमें अहेसास होता है कि व्यक्ति क्या कहना चाहता है या क्या महसूस करता है। जैसे कि हाथ पकड़ना प्यार या फिर किसी ओर गाइड कर कर रहा है। हाथ गले पर होना यह बताता है कि आप आराम करना चाहते हो या थक चुके हो ऐसे ही बहुत सारे टच करने के प्रकार हे जिनके अलग अलग मतलब निकलते है।




3.Proxemics (Space Language):



बात करते दौरान कितनी दुरी हमें रखनी इसे स्पेस लैंग्वेज कहा जाता है। इससे हमें यहाँ पता चलता है कि हम किससे कितना कम्फ़र्टेबल है और किस जगह कितनी दुरी बना कर बात करनी चाहिए जैसे कि फॉर्मल मीटिंग मे ज्यादा दुरी होती है। पर्सनल बातचित के दौरान दुरी कम हो जाती है। क्युकी पर्सनल बात हम किसी नजदीकी मित्र या फिर परिवार मे ही करते है। वह हम सबसे ज्यादा कम्फ़र्टेबल महसूस करते है ।

4.Chronemics ( Time Language):

अगर आप किसी खास मौके पे सही वक्तपर पहोचते है इसका मतलब है कि आप वक़्त के बहुत पाबंद हो और आप कही पे सही वक़्त पर नहीं पहोचते यह बताता है कि आप कितने अलसी हो और किसी बात को लेकर सीरियस नहीं हो. हमेशा वक़्त पर पहोचने से आप पर लोगो के नज़रिए मे एक अच्छी इम्प्रैशन होगी ।

5.Silence:
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बातचित के दौरान चुप रहना सामने वाले पे दबाव दल सकता है। मौन आतिथ्य का प्रतीक भी है । चुप रहना यह डर, असहमती, सम्मान, सोच विचार, चिंतन , या अशिष्टता जैसे भावो को सूचित करता है ।

6.Signs:

अलग अलग चिन्ह अलग अलग चीजों को बताते है जैसे कि No Parking, Don’t Smock, Don’t use Mobile etc, यह चिन्ह बिना कुछ लिखे ही आपको बता देते है कि आपको क्या करना है

उपरोक्त बताये गए Non verbal Communication के अलावा और भी अलग प्रकार के Communication है जिनके बरे मे अगले बलोग मे समझेंगे, धन्यवाद !!!








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